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File name | Patriotic Desh Bhakti Songs Hindi PDF |
No. of Pages | 6 |
File size | 206 KB |
Date Added | Dec 26, 2022 |
Category | Government |
Language | Hindi |
Source/Credits | Drive Files |
Patriotic Desh Bhakti Songs Overview
No one knows the history of 26 January 1950 and how much suffering the brave soldiers of our country had suffered. Today, due to their sacrifice and sacrifice, our country is free and everyone is living the freedom.
Don’t know which patriots had to sacrifice their lives like Bhagat Singh, Sukhdev, Lal Bahadur Shastri, Subhash Chandra Bose, Mahatma Gandhi etc. After independence, when our leaders felt that India should have its own rules and regulations, then all the Acts and Constitution were implemented from 26 January 1950.
Bharat Humko Jaan Se Pyaara Hai:
भारत हमको जान से प्यारा है
सबसे न्यारा गुलिस्ताँ हमारा है
भारत हमको जान से प्यारा है
सबसे न्यारा गुलिस्ताँ हमारा है
सदियों से भारत भूमी दुनियाँ की शान है
भारत माँ की रक्षा में जीवन कुर्बान है
भारत हमको जान से प्यारा हैं
सबसे न्यारा गुलिस्ताँ हमारा हैं
उजड़े नहीं अपना चमन
टूटे नहीं अपना वतन
गुमराह ना कर दे कोई
बर्बाद ना कर दे कोई
मंदिर यहाँ, मस्जिद यहाँ
हिंदू यहाँ, मुस्लिम यहाँ
मिलते रहे हम प्यार से
जागो……
हिन्दुस्तानी नाम हमारा है
सबसे प्यारा देश हमारा है
हिन्दुस्तानी नाम हमारा है
सबसे प्यारा देश हमारा है
जन्मभूमी हैं हमारी शान से कहेंगे हम
सब ही तो भाई भाई प्यार से रहेंगे हम
हिन्दुस्तानी नाम हमारा है
सबसे प्यारा देश हमारा है
आसाम से गुजरात तक
बंगाल से महाराष्ट्र तक
जाती कई -धुन एक हैं,
भाषा कई -सूर एक है
कश्मीर से मद्रास तक
कह दो सभी हम एक है
आवाज़ दो हम एक है
जागो…..
Aao Bacche Tumhe Dikhaye Jhanki Hindustan Ki
आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झाँकी हिंदुस्तान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम…उत्तर में रखवाली करता पर्वतराज विराट है
दक्षिण में चरणों को धोता सागर का सम्राट है
जमुना जी के तट को देखो गंगा का ये घाट है
बाट-बाट में हाट-हाट में यहाँ निराला ठाठ है
देखो ये तस्वीरें अपने गौरव की अभिमान की
इस मिट्टी से…ये है अपना राजपूताना नाज़ इसे तलवारों पे
इसने सारा जीवन काटा बरछी तीर कटारों पे
ये प्रताप का वतन पला है आज़ादी के नारों पे
कूद पड़ी थी यहाँ हज़ारों पद्मिनियाँ अंगारों पे
बोल रही है कण कण से कुरबानी राजस्थान की
इस मिट्टी से…देखो मुल्क मराठों का ये यहाँ शिवाजी डोला था
मुग़लों की ताकत को जिसने तलवारों पे तोला था
हर पर्वत पे आग लगी थी हर पत्थर एक शोला था
बोली हर-हर महादेव की बच्चा-बच्चा बोला था
घेर शिवाजी ने रखी थी लाज हमारी शान की
इस मिट्टी से…जलियाँवाला बाग ये देखो यहीं चली थी गोलियाँ
ये मत पूछो किसने खेली यहाँ खून की होलियाँ
एक तरफ़ बंदूकें दन दन, एक तरफ़ थी टोलियाँ
मरनेवाले बोल रहे थे इनक़लाब की बोलियाँ
यहाँ लगा दी बहनों ने भी बाजी अपनी जान की
इस मिट्टी से…ये देखो बंगाल, यहाँ का हर चप्पा हरियाला है
यहाँ का बच्चा-बच्चा अपने देश पे मरनेवाला है
ढाला है इसको बिजली ने, भूचालों ने पाला है
मुट्ठी में तूफ़ान बंधा है और प्राण में ज्वाला है
जन्मभूमि है यही हमारे वीर सुभाष महान की
इस मिट्टी से…
Vande Mataram:
वन्दे मातरम्
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्
शस्यशामलां मातरम् ।
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीं
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीं
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीं
सुखदां वरदां मातरम् ।। १ ।। वन्दे मातरम् ।
कोटि-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले
कोटि-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले,
अबला केन मा एत बले ।
बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं
रिपुदलवारिणीं मातरम् ।। २ ।। वन्दे मातरम् ।
तुमि विद्या, तुमि धर्म
तुमि हृदि, तुमि मर्म
त्वं हि प्राणा: शरीरे
बाहुते तुमि मा शक्ति,
हृदये तुमि मा भक्ति,
तोमारई प्रतिमा गडि
मन्दिरे-मन्दिरे मातरम् ।। ३ ।। वन्दे मातरम् ।
त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमलदलविहारिणी
वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वाम्
नमामि कमलां अमलां अतुलां
सुजलां सुफलां मातरम् ।। ४ ।। वन्दे मातरम् ।
श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषितां
धरणीं भरणीं मातरम् ।। ५ ।। वन्दे मातरम् ।।

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